मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017

यह रोग मुक्ति चूर्ण बहुत सारे रोगों से आपकी रक्षा करता है और इसको आप घर पर ही आसानी से बना सकते हैं

यह रोग मुक्ति चूर्ण बहुत सारे रोगों से आपकी रक्षा करता है और इसको आप घर पर ही आसानी से बना सकते हैं



यह चूर्ण बहुत सारे रोगों से आपकी रक्षा करता है और इसको आप घर पर ही आसानी से बना सकते हैं
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मित्रों इस दौड़ भाग भरी जिन्दगी में बहुत सारे रोग हमको सिर्फ आधुनिक खान-पान के कारण शरीर के विषाक्त हो जाने के कारण ही लग जाते हैं । ऐसे में लोग कुछ ऐसा प्रयोग चाहते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करे और शरीर में व्याप्त गन्दगी को साफ करके हमको रोगों से दूर रखे । प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एक चूर्ण बनाने का तरीका आपको बता रहे हैं जो आपके शरीर को डिटॉक्स करके शरीर में व्याप्त गन्दगी को साफ करता है और आपको कई रोगों से बचाता है । यह चूर्ण बनाना बिल्कुल आसान है और आप इसको घर पर आराम से बना सकते हैं । आइये जानते हैं इसको बनाने का तरीका ।
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जरूरी सामग्री :-

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1 :- साबुत हल्दी 100 ग्राम
2 :- काला जीरा 100 ग्राम
3 :- अजवायन 100 ग्राम
4 :- कलौंजी 100 ग्राम
5 :- मेथी दाना 200 ग्राम
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ध्यान दें ये सब सामान आपको अपने आस पास किसी भी पँसारी वाले के यहॉ आसानी से मिल जायेंगे । 
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बनाने की विधी :-

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इस चूर्ण को बनाने के लिये सबसे पहले सभी सामान को लेकर ध्यान से साफ कर लें और एक दिन कड़ी धूप में सुखा लें । हल्दी को इमामदस्ते में दरदरा कूट लें । अब सभी सामान को मिक्सी में डालकर 2-4 मिनट तक चला लें इसका बारीक चूर्ण तैयार हो जायेगा । इस चूर्ण को साफ सूती कपड़े में एक बार छान लें और छान लेने के बाद जो मोटा चूर्ण बचे उसको दोबारा मिक्सी में एक मिनट तक चला लें और फिर पहले छने हुये चूर्ण में मिलाकर अच्छे से मिलाकर एक साफ काँच की शीशी में भर कर रख लें । ध्यान रखें की शीशी एयरटाईट हो । एयर टाईट ना होने पर यह चूर्ण नमी पकड़ लेगा और जल्दी खराब हो जायेगा । एयर टाईट रखने पर 2-3 महीने तक भी यह खराब नही होता है ।
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सेवन विधी :-

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इस चूर्ण को दिन में दो बार सेवन करना उचित है । रोज सुबह खाली पेट और रोज रात को सोते समय 2-2 ग्राम चूर्ण का सेवन किया जाना चाहिये । दोनो ही समय गुनगुने पानी के साथ सेवन करें । एक बार में लागातार 2 महीने तक सेवन किया जा सकता है । उसके बाद 15 दिन का अंतर रखकर दोबारा शुरू किया जा सकता है । स्त्री और पुरुष दोनों ही इस चूर्ण को प्रयोग कर सकते हैं ।
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इस चूर्ण से मिलने वाले लाभ :-

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1 :- यह चूर्ण जोड़ों के दर्द में बहुत लाभ करता है ।
2 :- इस चूर्ण के सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त होकर पेट के लगभग सभी रोगों में लाभ करता है ।
3 :- इस चूर्ण का यह विशेष संयोग मधुमेह के रोगियों के लिये बहुत ही लाभकारी रहता है ।
4 :- शरीर पर चढ़ने वाली अतिरिक्त चर्बी को यह चूर्ण खत्म कर देता है जिस कारण मोटापे के रोग में यह बहुत लाभ करता है ।
5 :- यह चूर्ण शरीर में रक्त को प्रवाह को सुचारू करता है जिस कारण रक्तचाप के रोगियों को यह बहुत लाभ करता है ।
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6 :- धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल को यह चूर्ण बहुत प्रभावी रूप से साफ करने में मदद करता है ।
7 :- शरीर के अंगों में व्याप्त गन्दगी (टॉक्सिन्स) को यह चूर्ण साफ करता है और साफ शरीर ही स्वस्थ रह सकता है ।
8 :- बदलते मौसम में शरीर में हो जाने वाली एलर्जी के रोगों में भी यह चूर्ण लाभ करता हुआ पाया गया है ।
9 :- शरीर में कफ नही बनने देता है । जिस कारण श्वसन संस्थान से जुड़े रोग शरीर से दूर ही रहते हैं ।
10 :- मेथी का विशेष भाग होने के कारण यह शरीर में नये रक्त का निर्माण करता है जिससे सम्पूर्ण शरीर कांतिमय हो जाता है ।
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प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर कीजियेगा ।

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